दुख और निराशा मानवजातिके
साथ जुडी हकीकत है
उससे छुटकारा पानेके लिए
प्रकृतिका सहारा लेते है
प्रकृति कुछ शुकुन देती है और
मुस्कराहट साझा करती है
वही शुकुन और मुस्कराहट
दुख और निराशा संतुलित करते है
#संतुलन

Hindi Blog by Firdos Bamji : 111500218

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