आसमानी परिदा नही बना चाहती..

ज़मीन से जुड़ी चींटी ही ठीक हु..

बस कुछ अच्छे मूल्य को साथ लिए

अपनी मंजिल को बिना रुके..

बिना थके पा सकू..

#आसमानी

Hindi Thought by Urmi Chauhan : 111497661

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now