कैद है मेरा प्यार तेरी
कसमों की बंदिशों में
रूके हुए हैं मेरे पाँव तेरे
आँसुओं की जंजीरों में
ठहरे हुए हैं मेरे जज्बात
इन अल्फ़ाज़ों के दायरे में
दफन है मेरी मोहब्बत
तुझसे किये उस वादे में
मजबूर है...हम बहुत मजबूर
कि कह भी नहीं सकते
कि तुम और सिर्फ तुम ही हो
मेरे दिल की गहराइयों में

✍🏻शिल्पी सक्सेना

Hindi Poem by Shilpi Saxena_Barkha_ : 111496515

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