# आज की प्रतियोगिता "
# विषय .जिंदा **
**कविता **
लोग प्यार के खातिर ,जिंदा रहते ।
लोग अपनों के लिए ,जिंदा रहते ।।
लोग अरमानों के खातिर ,जिंदा रहते ।
लोग आशाओं के खातिर ,जिंदा रहते ।।
लोग बच्चों के खातिर ,जिंदा रहते ।
लोग वादें निभाने के खातिर ,जिंदा रहते ।।
लोग स्वाभिमान के खातिर ,जिंदा रहते ।
जो अपने खुद के ,जिगर को मार डालते ।।
वो जिंदा भी मुर्दा ,समान ही होते ।
लोग देश की आन के खातिर ,जिंदा रहते ।।
जिसमें मानवता ही नहीं ,वह इंसान नहीं होते ।
बेइज्जत करने वाले ,दानव ही होते ।।
देश पर बलिदान होने वाले ,सदा जिंदा रहते ।
परोपकार करने वाले ,सदा दुसरों के दिलों में जिंदा रहते ।।
बृजमोहन रणा ,कश्यप ,कवि ,अमदाबाद ,गुजरात ।