झेन का रास्ता
गुजरता है
भीतर से भीतर तक

जब बाहर के
सारे शोर में
खोने लगती हैं
हमारी भीतर की
सारी आवाज़ें

तब ही झेन की ध्वनि
कहीं भीतर से
झंकृत करती है
मन के सुरम्य तार

और जुड़ने लगते हैं
एक चेतन संसार से
समस्त संसार की चेतनाएं

भीतर से भीतर तक ...

:- भुवन पांडे

#झेन

Hindi Poem by Bhuwan Pande : 111493340
shekhar kharadi Idriya 4 years ago

अत्यंत आध्यात्मिक सृजन...

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