#विशाल

जैसे जैसे उम्र बढ़ती जाती है
घटती जाती है खुशी,
मस्ती, दोस्ती और उम्र भी।
बस बढ़ता है दायित्व।

फिर विकल्प क्या है
खुशी संजोने का ?
सिवाय इसके
करें हम क्षमा सबको
और बढ़ाएं
विशालता हृदय की।

Hindi Poem by Medha Jha : 111482717

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