तुम #अद्वितीय नहीं हो।
तुम अद्भुत हो।
#अद्वितीय होना,
कभी न कभी,
कहीं न कहीं,
किसी न किसी
रूप में, तुलनात्मक
बना देता है।
तुम तुलना से परे हो,
इसलिए तुम,
#अद्वितीय नहीं,
अद्भुत हो।

#कृष्ण #अद्भुत #अद्वितीय #प्रेम

Hindi Poem by Meenakshi Dikshit : 111479685

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now