#रोमांचक
क्या नहीं रोमांचक था, मेरी जिंदगी में ।
बहार ही बहार फैली थी मेरी जिंदगी में ।
वो आये और फिर सब कुछ बदल गया ।
अब तो रोमांच के साथ रोमांस भी है जिदंगी में ।

Hindi Shayri by Pawan Singh : 111478257

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