भारत माँ की रक्षा को वो,
अपनी माँ से भी दूर हो जाते हैं,
सर्दी-गर्मी की क्या बात करूं में वो तो प्रलय में भी पहरा देते हैं,
माँ भी उनकी कहती गर्व से,
वो मेरे नहीं,भारत माँ के बेटे हैं।
दिन रात दौड़ कर भी, दाल-रोटी से वो पेट भर लेते हैं,
हमारी चैन की नींद के लिए वो रातों में भी ना सोते हैं।
वो कोई आम इंसान नहीं,
वो भारत माँ के बेटे हैं।
सीने पर गोली खा कर,
भारत माँ की जय वो गुनगुनाते हैं,
और फिर तिरंगा ओढ़ कर वो एक अनचाही नींद सो जाते हैं।
फिर भी अमर जवान की ज्वाला में वो हर पल चमकते रहते हैं,
वो कोई और नहीं,वो भारत माँ के बेटे हैं,
वो भारत माँ के बेटे हैं।
सभी शहीद जवानों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि🙏