#देह_की_दहलीज_पर
यह जो उथल पुथल हमारे तन मन में होती है, इसके जिम्मेदार हार्मोन्स हैं, यह बात काउंसलर से मिलकर राकेश को समझ में आ रही है, रजोनिवृत्ति की ओर बढ़ती नीलम की अवस्था भी इसीलिए वह समझ पा रहा है... यही तो है दाम्पत्य जीवन की मधुरता... अपने साथ अपनों को भी समझना... खूबसूरती से आ रीता गुप्ता जी द्वारा लिखी यह कड़ी पढ़िए और अपनी प्रतिक्रिया से अवगत भी करवाइए... हमें इंतज़ार रहेगा...
Kavita Verma लिखित कहानी "देह की दहलीज पर - 15" मातृभारती पर फ़्री में पढ़ें
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Hindi Story by Dr. Vandana Gupta : 111466401

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