कार्य सदा सुन्दर करो, आगम निगम विचार।
द्रुतगति से करनेपर,भूल-चूक बढि. जाय।
भूल-चूक बढि. जाय,सदा ही हानि करावे,
मन हो जाये व्यथित, चित्त को चैन न आवै।
कहती सुमन बिचारि, शीध्रता है सुखदायी,
बिना बिचारे किये काम ,तो है दुखदायी।।
#द्रुत

Hindi Poem by Suman Lata Singh : 111465924

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