"वो बचपन"
यादों की किस्से खोलू तो,
कुछ किस्से बहुत याद आते हैं,
वो मुझे वापस मेरे बचपन में ले आते हैं,
वो भोला सा मासूम सा बचपन,
वो प्यारी सी मासूम अदाएं,
वो मम्मी पापा के प्यार के लिए लड़ना,
वो हर बात में मस्ती करना,
वो राजा रानी के किस्से,
वो परियों की कहानी,
वो दादी नानी की जुबानी,
वो सब का लाड़-दुलार,
वो हर बात में प्यार,
वो गलती करने पर डरना,
और गलती करके फिर इधर-उधर छुपना,
वो डांट पड़ने पर सड़ा-सड़ा मुंह करना,
और पीछे से जोर जोर से हंसना,
वो भाई बहन का हर बात पर लड़ना,
वो हर बात पर छीना-छपटी करना,
वो एक दूसरे की चुगली करना,
वो एक दूसरे की मार पड़वाना,
उसे मार पड़वा कर फिर खुद चुप कराना,
वो गुड्डे गुड़ियों के खिलौने,
वो घर-घर खेलना,
वो मिट्टी के बर्तन,
क्या मासूम था वो बचपन,
वो गली नुक्कड़ की मस्ती,
वो मस्ती भरा सैर सपाटा,
वो पकड़म बाटी,
वो आंख मिचोनी,
वो छुपन छुपाई,
वो घोड़ा बदाम छाई,
वो टीपी टीपी टॉप टॉप,
वो बर्फ पानी,
बड़ी मस्त थी अपने बचपन के खेलो की कहानी,
वो पहली बार स्कूल जाने पर रोना,
स्कूल ना जाने के लिए देर तक सोना,
वो हर वक्त बहाने बनाना,
वो घर में कहीं जाकर छुप जाना,
वो स्कूल का होमवर्क,
वो क्लास वर्क की टेंशन,
वो टीचर की डांट,
वो अच्छे नंबर मिलने पर लाड़,
वो एक दूसरे की शिकायत करना,
वो टिफिन खाने के लिए लड़ना,
वो क्लास रूम की मस्ती,
वो दोस्तों का प्यार,
बहुत याद आता है मुझे,
मेरा बचपन और मेरे यार
वो बात-बात पर जिद करना,
जिद पूरी ना होने पर रोने का नाटक करना,
वो जिद पूरी होने पर खिलखिलाना,
जैसे दुनिया की सारी खुशी मिल जाना,
वो दादा-नाना के साथ घूमने जाना,
खूब मौज मस्ती करके आना,
वो चुपचाप आइसक्रीम खाना,
और फिर मुंह पौछ कर घर पर आना,
सबसे छुप-छुप कर चॉकलेट खाना,
कोई पूछे तो फिर बहाना बनाना,
आ करके दिखाओ बोलने पर,
मुंह बंद करके वहां से भाग जाना,
वो टेंशन फ्री रहना,
वो दूसरों को टेंशन देना,
ना किसी से कोई परेशानी,
ना किसी से कुछ लेना देना,
वो प्यारी सी अदाएं,
वो नटखट जी शरारत,
वो मासूम सी हरकत,
वो प्यारी सी मुस्कुराहट,
वो प्यारी सी नादानी,
वो अनगिनत शैतानी,
बहुत याद आती है मुझे,
मेरे बचपन की वो कहानी।
Written by- Sakshi Jain