#शांत
शांत हो जाते है, लेकिन शायर कभी मरते नहीं।
एक बार पढ़ कर देखो, बिन मतलब वो बाते करते नहीं।।
खुद को कर आजाद एक अपनी ही दुनिया में मेहफूज बने।
छोड़ संदेशा अपनी हर ग़ज़ल में खुद में ही हुस्न-ए-पेहलू बने।।
इज्ज़त से नवाज़ते है शब्दों को, गालिब ये जमाना कदर भी क्या जाने।
सफ़ेद चादर ओढ़, ग़ज़लों में ज़िंदा रेहेना का ये मतलब भी क्या जाने ।।
kru...📝
शायर - शब्दों की पहचान...