बुर्के वाली मोहतरमा..!!

का हुआ ?इतनी देर काहे लग रही है? मेंहदी लगाने वाली अभी तक आई क्यो नही? देवकी मन ही मन बुदबुदाई।।
       का हुआ बड़की भौजी,मन ही मन,काहे बड़बड़ा रहीं हों, शकुंतला ने अपनी बड़ी भाभी देवकी से पूछा।।
    अब का बताएं,बिट्टी !देखो तो कब से मेंहदी वाली का इंतज़ार कर रहे हैं,टेम से आ जाती तो बन्नी के मेहंदी लग जाती,कित्ते सारे काम पड़े हैं,कल बारात हैं,सारे नेगचार अच्छे से निपट जाएं तो का बुराई है, देवकी बोली।।
    सही कह रही हो,भौजी!! बिटिया का ब्याह,कितनी बड़ी जिम्मेदारी है,हम तुम्हारे मन की बात अच्छी तरह समझ सकते हैं, शकुंतला बोली।।
       तभी बुर्के में एक मोहतरमा घर के अंदर हाज़िर हुई!!
   उसने एक लड़की से पूछा__
   होने वाली दुल्हन कहां है जी?
  अंदर होगी,आप अंदर चली जाइए और इतना कहकर वो लड़की चली गई।।
     वो बुर्के वाली मोहतरमा अंदर गई और हैरानी से दुल्हन को ढूंढने लगी।।
      तभी शकुंतला ने देखा आखिर ये बुर्के वाली कौन है?
उस बुर्के वाली के पास जाकर पूछा__
    तुम कौन हो जी!!और क्या काम है?
   जी मैं नाज़नीन, मेंहदी लगाने आई हूं, होने वाली दुल्हन को,दुल्हन कहां है?उस बुर्के वाली ने जवाब दिया।।
     आ जाओ, हमारे साथ अराध्या के कमरे में ले चलते है और भी लड़कियों को भी मेंहदी लगवानी होगी, शकुंतला बोली।।
      हां.. हां..क्यो नही लेकिन थोड़ी देर बाद, पहले दुल्हन को अकेले में मेंहदी लगा देते हैं, भीड़ भाड़ में ठीक से नहीं लग पाएगी, नाज़नीन बोली।।
    ठीक है.. ठीक है...बस आधे घंटे और तुम ये बुर्का ओढ़े क्यो खड़ी हो यहां तो सब लड़कियां हैं,उतार दो इसे, शकुंतला बोली।।
    हां जी उतार देती हूं,एक बार दुल्हन के पास ले चलिए, नाज़नीन बोली।।
     और शकुंतला ने नाज़नीन को आराध्या के कमरे में पहुंचा दिया।।
      शकुन्तला जैसे ही नाज़नीन को आराध्या के कमरे में छोड़कर आई,उधर से देवकी एक लड़की को साथ में लिए आ रही थी।।
        बिट्टी!!जे रही मेंहदी वाली,जरा इसे आराध्या के कमरे में छोड़ आइओ, देवकी ने शकुंतला से कहा।।
     भौजी!!का बात कर रही हों,जे मेंहदी वाली है तो बा कौन है?जिसे हम आराध्या के कमरे में छोड़कर आए, शंकुतला बोली।।
     और दोनों भागी..भागी आराध्या के कमरे में पहुंची और उन्होंने जो देखा तो हंसे बिना ना रह सकी।।
     शकुन्तला बोली... का दामाद बाबू, आराध्या से मिलवे का मन था तो बता देते ऐसे बुर्के में नाज़नीन बनके आने का जरूरत रही और दोनों ननद-भौजाई ,रूपेश के ऐसे रूप को देखकर हंस पड़ी।।

                   समाप्त___
                    सरोज वर्मा__🌹🙏😀

Hindi Funny by Saroj Verma : 111462481
Saroj Verma 4 years ago

बहुत बहुत शुक्रिया🙏🙏😊

shekhar kharadi Idriya 4 years ago

अत्यंत सराहनीय सृजन शैली एवम मन को बारबार पढ़ने के लिए विवश कर देती है ।।

Saroj Verma 4 years ago

बहुत बहुत शुक्रिया🙏🙏😊

Priyan Sri 4 years ago

बहुत ख़ूब 👌... आनंद आ गया 😂😂

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now