सितारों से आगे
बहुत कुछ है माना
हो ज़मीं पर जीने के
कुछ बहाने ओर भी...
रेत के रण में
दिखती मृगतष्णा में
ख्वाबों डुबाने के
कुछ बहाने ओर भी...
धरती को आकाश
आकाश को समंदर
के साथ रहने मिलने के
कुछ बहाने ओर भी...
पाला है मैंने
संजोया है दिल में
वो पूरा करने के Asi
कुछ बहाने ओर भी...

#આગળ

Hindi Poem by Asmita Ranpura : 111458141

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