बाज आ अपनी शरारतों से
,कुछ खौफ कर उस नियतिका प्यारे ।
तेरी इन ओछी शरारतों ने .
दुनिया के लाखों हैं घर उजाड़े ।
सूप चमगादड़ों. का पीना
मछलियों के वस्त्र सीना ,
लाखों वर्षों से तू यहां है
बता दे कब सीखेगा प्यारे
धरा के जीवों के संग जीना ।
शरारती बन कर ए मानव
प्रकृति के संग जीना सीख प्यारे ।




#शरारती

Hindi Blog by Arun Kumar Dwivedi : 111451439

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now