रखना मुझे संभाल के
गुलाबों से कांटे निकाल के
पहुंचाना मेरे पंखों को
ऊंची से ऊंची डाल पे
मेरे रंगों से छेड़खानी मत करना!
मेरे साथ जैसे मैं चाहूं चलना।
कदम रखना मेरे साथ
हाथों में हाथ डाल के।
छूना ऐसे ना कि मैं मलिन हो जाऊं
छूना ऐसे कि मैं पवित्र हो जाऊं..
लाल पर सफेद डाल के
रखना मुझे संभाल के।
ऐसी देना तुम मिसाल कि
मैं नतमस्तक हो जाऊं
सदा सदा के लिए तुम्हारी
जोगन हो जाऊं, बना लूं मंदिर
तुम्हारे ज़ात में, रखना
मुझे ऐसे संभाल के....।।

#रखना

Hindi Poem by मिन्नी शर्मा : 111443001

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