केवल ...

'केवल' अक्सर अकेला
नहीं आता

अपने साथ वो लाता है
अनजाने ही
कितने ही 'कुछ'

ये मन तो चाहे केवल -
कुछ पल अपनेपन के
कुछ साथी अपने से
कुछ पल खुशी के
कुछ स्नेह का स्पर्श
कुछ उजाला जीवन में
कुछ हरियाली निकट में
कुछ समय अपने लिए
कुछ सुकून की सांसें
कुछ मीठे से सपने अपने

और इतने सारे कुछ कुछ
से घिरा 'केवल'
भूल जाता है अपना अस्तित्व
और
भटक जाता है
खो जाता है
बिना कुछ भी लिए अपने साथ !

:- भुवन पांडे

#केवल

Hindi Poem by Bhuwan Pande : 111437323

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