#केवल
केवल कड़ियों से तालुक
रखते ही क्यों हो
केवल दिल को बहलाते ही क्यों हो
केवल कड़ियों को दिल से जोड़ ही दो
केवल मुस्कराते ही क्यों हो

Hindi Shayri by ADARSH PRATAP SINGH : 111437053

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