खिल उठे प्रणय दृष्टि के वो नयन
आज संयम की भी डोल जाएं कदम
थमें न कभी फागुनी ये बयार
रहे रंगों की निशदिन मध्यम फुहार
रंग उठे यह धरा रंग उठे ये गगन
मन के इस पार भी मन के उस पार भी।

Hindi Song by Tara Gupta : 111405839

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