कभी-कभी लगता है वैर ना में रखु किसी से परंतु मैं उस जल की तरह हूं जिसने आप जैसा रंग डालोगे रंग जाऊंगी
चीनी डालोगे तो मधुर एवं नमक डालोगे तो खरा एवं कटु डालने पर कड़वा हो जाता है जल का स्वभाव घुलनशील है और व्यक्ति संवेदनशील इसलिए किसी के सहज नेचर को उसकी कमजोरी ना आंके क्योंकि समय समय बलवान होता है वह कभी ना कभी आपको भी उसी राह पर खड़ा कर देता है जहां पर आपने किसी और को खड़ा किया था इसलिए कर्मों से करने से पहले व्यक्ति को आत्म चिंतन करना नितांत आवश्यक है
#पूछना