अपने में सौंदर्य समेटे

होने को तो सृष्टि यही थी

लेकिन जो सुंदरता देखे

दृग में ऐसी दृष्टि नहीं थी

स्वच्छ नहीं थी नजर तुम्हारे रूपायित दर्शन के पहले

जैसे कांच मात्र रहता है कांच सदा दर्पण के पहले..

‘ओशो’

Hindi Quotes by Rajanmukundray : 111403138

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now