#फ़िर_मुस्कुरायेगा_जहान


पतझड़ में फिर आयेगी बाहर,
कलियाँ खिलेगी फिर एक बार,
उपवन की फिर बढ़ेगी शान,
फिर मुस्कुरायेगा जहान।

तूफान एक दिन थम जायेगा,
बहारों का मौसम फिर आयेगा,
कोयल फिर गायेगी मधुर गान,
फिर मुस्कुरायेगा जहान।

गम के पल निकल जायेगें,
हर दिल फिर मुस्कुरायेगें,
आयेगी चहरे पर मुस्कान,
फिर मुस्कुरायेगा जहान।

मानेगें नहीं कभी भी हार,
जीत जायेगे फिर एक बार,
मन में लिया फिर ये ठान,
फिर मुस्कुरायेगा जहान।


Uma vaishnav
मौलिक और स्वरचित

Hindi Poem by Uma Vaishnav : 111402260

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