तू अडिग रह,तू निडर रह,
बस खड़ा रह तू चराचर,
तेरे संकल्पों के आगे,
सर झुकाएगा प्रभाकर,
हारने का डर नहीं,
आकर सिकंदर भी झुका था,
आहुति देकर लहू की मैं मनाता पर्व हूँ।
बीज डालो फिर उगूँगा,
मैं तो भारतवर्ष हूँ।।
-राकेश कुमार पाण्डेय"सागर"

Hindi Song by Rakesh Kumar Pandey Sagar : 111398180

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now