#નરમ


मखन सा कोमल चित हो।
ऐसा कोई स्यामाल मित हो।।

खुद जलकर घी हो।
दूसरो के लिए पीर हो।।

बाती के साथ उजाले में सहयोगी हो।
खुदका जीवन परमार्थ के लिए ख़ाक हो।

कहे बापू साहेब ऐसा कोई संतजन हो।
जो मेरे ठाकुर को साई को प्रिय हो।।

Hindi Poem by Vaishali Kubavat : 111390408

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