#वसंत
बनकर पतझड़ सा कोरोना
सोचा हमे आएगा रोना
वक्त वक्त की बात है ये भी गुजर जाएगा
नए पुष्पो के साथ फिर वसंत आएगा
एक बार फिर हिन्दुस्तान खिलखिलाएगा
तेरी सब बदनीयतो पर पानी सा फिर जाएगा
---- विवेक

Hindi Shayri by Vivek Kumar : 111388683

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