सुनो ना, कुछ बात करनी थी तुमसे...

क्या हे ना कि घोंसला अभी कच्चा है अपना..!
याद रहे हमारे सपनो का वो तेरा मेरा बच्चा हे अपना..।

यूँ तो हर मंज़र से वाक़िफ़ हे हम दोनो, अगर हो जाए कोई ख़ता तो तुम मुझसे ख़फ़ा मत होना क्योंकि सारा ख़यालात सच्चा हे अपना..।

हाँ फ़िलहाल मीलो दुर तलक इस सरज़मीं पर हूँ अभी पर दोनो की आने वाली ज़िन्दगी साथ मे गुज़रे यही सपना है अपना..।

दिल से दिल का रिश्ता निभाते चले है हम दोनो क़च्ची ये सड़कों का रास्ता है अपना..।

आप मेरा ज़हन हो ये ख़याल दिल में रखके मेरी रूह तुम ख़याल रखना अपना..।

यूँ तो गिनछाड़ के बहोत ही कम रिश्ते है मेरे पर तेरे सिवा कोई जहाँ नहीं अपना..।

क्या हे ना कि घोंसला अभी कच्चा है अपना..!
याद रहे हमारे सपनो का वो तेरा मेरा बच्चा है अपना..।

@शब्दों नो शुभआरंभ
Insta @mysterious_madhav
Downtown,Hongkong

Hindi Microfiction by M Edward Patel : 111387103

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