रात ही की बात है-
चांद हिल रहा था आसमान पर
पेंच ढीला था कोई
डर था गिर पड़े न आसमान से
कुर्सी खींचकर वहां से हट गया
व्हिस्की का गिलास भी उठा लिया!
आधी रात में मगर...
अजीब हादसा हआ
समय गुजर रहा था, उसका
पांव लग गया
प्लग निकल गया
और चांद बुझा गया!

#गुलज़ार

Hindi Poem by Rathod Ranjan : 111383481
Jay _fire_feelings_ 4 years ago

આ,, હા,,,,ગુલઝાર ને,,, 😂😂👌👌👌

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