खुद ही को खुद से तराशने में सारी ही उम्र गुजार दी,
फिर अब क्यो मुझे लगता है बहुत सा काम बाकी है ।?
#सवाल :- जिंदगी पहेली ही क्यो बनी रहती है ?

Hindi Shayri by कमलेश शर्मा कमल सीहोर म.प्र : 111382410

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