#निष्क्रिय
कैसे करु निष्क्रिय उसे
जो याद तुम्हारी दिलाती है
वो अपनापन सा समेटे है
दिल की धड़कन रुकवाते है।
तू रोम रोम में बस चुकी
अब निष्क्रिय करू तो, कैसे करूँ
तुम आंसू में दिख जाती हो।
दिल की धड़कन रुकवाती हो।।
--विवेक

Hindi Poem by Vivek Kumar : 111379671

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