#Relation

काश ऐसी भी हवा चले
कौन किसका है पता चले
उगता सूरज भी कब है ढले
कोई न पूछे हाले दिल के गिले
रिश्तों के नाम पे बहुत हुए इस्तेमाल
हवा तू ही चल के कुछ दिखा कमाल
कुछ तो बता ऐ बहती फिज़ा
बदलते चेहरे सब लोगों के दिखा
मन तो बावरा है, क्या कुछ है सोचता
दिल रो देता है, सुन अपनो की हया
कौन अपना, कौन पराया, कैसे करें पता
ऐ बहकती हवा, तू ही कुछ बता
महकती फिजाओं का कुछ तो हो असर
फिरते रहते हैं हम, नही कोई बसर
अपनो के बीच ही अकेले रह गये
रिश्तों की पढ़ाई से बेगाने सो गये
किससे करें हम दिल की बातें
कोई न सुने दुख भरी सौगातें
खु़शी का दामन सब हैं भरते
ग़म बेचारे अकेले ही मरते
जिस पल तुझे लगे, अब हुआ बस
उस एक पल में भरके देखो प्यार का रस
हवाओं का रुख बदला नजर आएगा
पतंगों के रंगों से आसमां भर जाएगा
हवा का तो क्या है बह जाती है
मन की तरंगें कहां समाती है
पल पल जीते, पल पल हैं मरते
हर पल डर से आखिर क्यों हैं डरते
सब अपनो में अपने कौन हैं
आजकल रिश्ते आखिर क्यों मौन हैं
ऐ हवा, अब तू ही चल
कौन किसका है, कुछ तो पता कर
हमें भी अपनी खोज का हिस्सा बना लेना
हमें भी हमारे रिश्तों के रंग दिखा देना
तू भी औरों की तरह, क्यों भागे इतनी तेज़
दो पल सुकून की, सजा दे न एक सेज
तेरी फिज़ाओं में तो हर रंग मिल जाते हैं
फूलों की खुशबू से जहां महकाते हैं
मेरे रिश्तों में मिलावट कुछ कम कर दो
सच्चे लोगों के होने का अहसास भर दो
इस भीड़ में भी हम क्यों तन्हा
मतलबी रिश्तों में क्यों हुऐ फना
हवा तू छू के हमें, ज़रा प्यार कर लो
अपने संग उड़ा दो, मोहब्बत के पर दे दो
तुझसा शीतल, तुमसा सच्चा
क्या है कोई मेरा, तुमसा अच्छा
मेरी उनसे मुलाकात करवा देना
बहते बहते कबूल एक दुआ कर लेना
एक दिन तुम ऐसे ही चल जाना
कौन किसका है पता कर बताना ।।

Hindi Poem by Ankita Mittal : 111370125

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