तुमने जो कहा वह ,
प्यार ही तो था । दिल ही दिल में चाहा ,
इकरार हुआ तो था ।।
दिल की दिल से दिल्लगी अच्छी नहीं सनम ,
नजरे -इनायत वो इसरार ही तो था।।
नमिता "प्रकाश "

Hindi Shayri by Namita Gupta : 111370080

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