श्री दत्तात्रेय भगवान
त्रिदेव ने अपना अंश बनाया
जो सती के गर्भ में बसाया
वो त्रिदेव के अवतार कहलाये
जिन्होंने चौबीस गुरु बनाये
उसमे पृथ्वी से पिंगला समाये
वो पूर्ण ब्रह्मचारी और अवधूत कहलाये
वेद और तंत्र का विलय करने वाले
ब्रह्मज्ञान का प्रचार करने वाले
गंगा में स्नान करने वाले
गिरनार में ध्यान करने वाले
सह्याद्रि में शयन करने वाले
निसंतान को संतान देने वाले
भक्तो की कामना पूर्ण करने वाले
याद करो तो तुरंत हजार होने वाले
प्रणाम करते हे गुरु दत्त को जानने वाले
जय गिरनारी
कविता के रचनाकार: वेद चन्द्रकांतभाई पटेल २४,गोकुल सोसाइटी , कड़ी, गुजरात Mob.-9723989893