गुमसूम से रहते है अल्फाज आजकल..
रुह तेरी याद में आहे भरती है...
के बढने लगी है जबसे दो दिलों में दूरी
आँखें ही अकसर हाल ए दिल बयां कर जाती है...


#दूरी

Hindi Shayri by प्रीत : 111361675

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