आज का दिन फिर ऐसे ही निकल गया और हर रोज की तरह आज भी पता नहीं कितनी ही बार मैंने विचार किया कि अपने मन की कसकने वाली बात तुम्हारी सामने रख दूं पर न जाने कहां से अड़चनें बीच बीच में आ जाती है और मैं कह नहीं पाता हूं और कई बार ज्यों ही कहने का अवसर आता है तो मुझे भय लगने लगता है;)#Eyes