काफी है

मै फिक्र अब नही करता
तेरा ज़िक्र अब नही करता
ये दिखावा सिर्फ दुनिया के लिए है

ये ना सोच तू सोचना ही मत
मैं सोचता भी हूँ तुझे ऐसा सोचना भी मत
मेरी सोच मैं तू है इतना काफी है

तेरे जाने के बाद भी चाहत मेरी जिंदा है इतना काफी है
वो यादें आँखों को आज भी भीगा जाती है इतना काफी है
तेरी खुशबू आज भी साँसों मै बसी है इतना काफी है

तू भूल जाए मुझे यही अच्छा है
याद न करे मुझे यही अच्छा है
मुझे पता है ये दर्द तुझसे सहा नही जाएगा
इस दर्द के बिना ही तुझे जिंदगी जीने का सहारा मील जाए
मेरे लिए इतना काफी है....

Hindi Poem by Harshad Molishree : 111346114

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