हे कृष्ण,
जब गीता में तुम कहते हो
तो अर्जुन सुनता है,
जब अर्जुन कहता है तो
तुम सुनते हो।
जब धृतराष्ट्र बोलता है
तो संजय सुनता है,
जब संजय कहता है
तो अंधा राजा सुनता है।
उधर, अर्जुन का मोह भंग हो जाता है,
इधर, राजा मोह में अंधा ही रह जाता है।
***महेश रौतेला