कुछ ख़्वाब जो अब छोड़ दिये मैंने,
कुछ हकीकत को अपना लिया..
कुछ आदतें जो अब नहीं रही,
कुछ जरूरतें जो पूरा करती हूं..
कुछ मनमर्जियां जो अब नहीं करती,
कुछ ज़िम्मेदारियां जो निभाना सीख लिया..
कुछ अपनो की अपनी ना हो सकी,
तो कुछ गैरों को अपना लिया..
एक ज़िन्दगी जो जीनी छोड़ दी मैंने,
एक उम्र जिसे गुजार दिया..