क्यों पीते हो ये सिगरेट,
क्या मिलता है इसे पीने में,
क्या मज़ा नही आता तुमको,
अपनों के साथ जीने में,
पीते हो तो यूँ धुँआ,
यूँ धुँआ ना उड़ाया करों,
खुद ही क्यों ये धुँआ गाड़ते हो,
अपनों के सीने में।
~Tarak

Hindi Quotes by Tarkeshwer Kumar : 111325048

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