अभी हम खेले ही नही,
जिंदगी हार का जश्न मनाने लगी।
सब्र रख ऐ जिंदगी हमारी
जित पर तुझे नाचना भी है,
और मुजरा भी करना है।

दिपक

Hindi Shayri by Deepak Tokalwad : 111324447

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