एक शेर
सरहद पे जो चट्टान के मानिंद खड़े हैं,
एक पल भी अपनी आंखें मीचे नहीं रहे।
करता है फख्र उनपे अपना मादरे वतन ,
जो सिर कटवाने में भी पीछे नहीं रहे।।
भरत सिंह रावत भोपाल
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Hindi Blog by Bharat Singh Rawat Kavi : 111318053
Bharat Singh Rawat Kavi 4 years ago

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