मेरी धारावाहिक रचना उधड़े ज़ख्म पूरी हो चुकी है। जैसा कि आप लोगो ने हर पार्ट पर हौसला अफ़ज़ाई की है। एक बार फिर एक साथ पूरा पार्ट पढें और इश्क़ की गहराइयों का मज़ा लें। और जो अब तक किसी वजह से नही पढ़ पाएं वो भी इस इश्क़ आमेज़ कहानी को पढ़े जो शायरियों और जज़्बातों से सजी हुई है।



हाय, मातृभारती पर इस धारावाहिक 'उधड़े ज़ख़्म' पढ़ें
https://www.matrubharti.com/novels/10228/udhde-zakhm-by-junaid-chaudhary

Hindi Book-Review by Junaid Chaudhary : 111296853

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