सत्य, सन्त, शर्म, कर्म, धर्म, जन्म, मृत्यु, शक्ति, भक्ति,
इन सब शब्दो मे अढ़ाई अछर है। इन सब शब्दो को परिभाष मे ही सच्चा प्रेम झलकता है।
कबीर जी के वाणी से----पोथी पढ़ पढ़ जग मरा, पंडित भयौ ना कोई।
अढ़ाई अछर प्रेम का, पढे सो पंडित होय।

Hindi Quotes by Sanatan Dharam : 111278643

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