कहा है मेरा आसमां,
जिसमें आजाद हर समा,
उम्मीदों की धूप प्रज्वलित लिए,
कहा है मेरा आसमां

बाधाओं के बादलों से भरा,
बेमौसम तूफ़ानों से भरा,
ये जहां, कब खिलेगा
साफ मौसम की तरह,

कहा है मेरा आसमां,
जो है उम्मीद से भरा

- नि'खिल'

English Poem by Nikhil Suthar : 111267256

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