रखने की चीजें हटाकर,
दिल तुम्हारा रख रहा हूँ,
हूँ बहुत मैं दूर पर,
मीठे सपन को चख रहा हूँ,
प्रेम की इस ओढ़नी की,
छाँव बस तेरे लिए है,
कह रही हैं ये हवाएँ,
थक गए हो बैठ जाओ,
लग रहा है चाँद आँगन,
आके बोला लौट आओ।।
-राकेश सागर

Hindi Song by Rakesh Kumar Pandey Sagar : 111266476

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