पड़ोस  में  रहने  वाले  अंकल  रोज़  कचरा  घर  के  बाहर  फ़ेंक  देते  थे । जब  उन्हें  कहा  गया  तो  वह  नहीं  माने  तो  मैंने  उन्हें  रोज़  कभी  केले, सेब  नाशपति  आदि  फल  देने  शुरू किये । यह  क्रम  2  हफ्ते  तक  चला  और  एक  दिन  वे  पूछ  बैठे  तो  मैंने  उन्हें  बताया  कि  यही  कचरा  आपको  बीमार  करेगा  और  आंटी  के  जाने  के बाद  आप  अकेले  हो गए  है, बच्चे  आपके  बाहर  रहते  है।  आपका  ख्याल  कौन  रखेगा? डेंगू , मलेरिया  जैसी  बीमारियों  से  लड़ने  के  लिए यही  फल  काम  आएँगे। अंकल  को  यह  बात  समझ  आयी और  उन्होंने  कूड़ा  कूड़ेगाड़ी  में  डालना  शुरू  किया ।

Hindi Gandhigiri by Swatigrover : 111263431

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