ज़िन्दगी जीने में हमारा नजरिया बहुत बड़ी भूमिका निभाता है,
ज़िन्दगी का हर एक तजुर्बा हमें जीने की नई राह जरूर दिखता है।

ज़िन्दगी के तजुर्बे से ही तो ज़िन्दगी जीने का नज़रिया बदलता है,
"पागल" नज़रिये का फर्क कभी हमें हँसाता है कभी हमें रूलाता है।

✍?"पागल"✍?

Hindi Shayri by Prafull Pandya : 111260729

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