आँखो से पीते है जामे शराब |
दिल से टपकता है खुने शराब||
मयखाने में जाने की आदत न थी |
हररोज का कायदा है पीना शराब ||
माना के पीना बूरी बात होती है |
प्यार सा नशा देती नहीं है शराब ||
दर्शिता

Hindi Shayri by Darshita Babubhai Shah : 111254750

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