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कहीं भी ना हो पाए दंगा,मेरी यह छोटी सी आशा।
घर घर में लहराए तिरंगा,नहीं चाहिए दोगली भाषा।
सूना ना हो मां का आंचल,बहनों के सपनों की आशा।
ना रीते नैनों का काजल, सैनिक की यही अभिलाषा।
MV

Hindi Blog by Manu Vashistha : 111236367

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