खुद को बहुत अकेला पाया उसके बिना.. ज़िन्दगी की वो कुछ सासे उसके साथ बिताना चाहती थी! लेकिन उनसे कहने की हिम्मत नहीं थी!.. इस लिय ख़ामोश रही और अकेले मे  आंसू बहाती रही! जैसे उस दिन किसी से हमेशा के लिए दूर हो रही हूँ ज़िन्दगी कम हो गई हो चेहरे से स्माइल कही दूर जा चुकी थी! कुछ था तो वो था मेरी आँखों के आंसू जो रूक ही नहीं रहे थे! तबीयत बहुत खराब थी मानो खुद की मौत देख रही हूँ!".... ❤.... केसे रुला दु किसी को .... ❤.....", इसे पूरा मातृभारती पर पढ़ें :
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Hindi Poem by Neha : 111234167

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